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महज कानून बनाने से नहीं रूकने वाला महिला उत्पीड़न - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
लिमटी खरे पुरानी कहावत है -‘‘. . ., गंवार, पशु और नारी, ये सब हैं ताड़न के अधिकारी।‘‘ इसमें नारी को शामिल किया गया है। एक तरफ तो नारी को माता का दर्जा देकर सबसे उपर रखा गया है, वहीं दूसरी ओर नारी को ही प्रताड़ना का अधिकारी बताया जाना…