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“शरीर से ही नहीं, गुण-कर्म-स्वभाव से भी हमें मनुष्य बनना है” - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मनमोहन कुमार आर्य, जिस किसी प्राणी के पास दो हाथ, दो पैर और मनुष्याकृति होने सहित मन, बुद्धि आदि ज्ञानियों, योगियों व ऋषियों के समान हो, उसे वास्वविक व आदर्श मनुष्य कहते हैं। मनुष्याकृति वाले सभी प्राणी मनुष्य अवश्य हैं परन्तु वह आकृति से ही मनुष्य हैं। आकृति के आधार…