#नोटबंदी के फैसले पर पीएम मोदी  का जनमत संग्रह

modi1000 रुपये और 500 रुपये के पु राने नोटों के विमुद्रीकरण के फै सले को लेकर प्रधानमंत्री नरें द्र मोदी ने देश की जनता से दस  सवाल पूछे हैं। कालाधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए मो दी सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया और अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी पर जनता से  राय मांगी है। नोटबंदी पर पीएम  मोदी ने ट्वीट के जरिए देश की  जनता से सर्वे में शामिल होने के लिए कहा है। नरेंद्र मोदी ऐप्प  पर इस सर्वे में हिस्सा लेकर लोग अपनी राय दे सकते हैं। इस सर् वे में देश के हर व्यक्ति को हि स्सा लेना चाहिए जो स्मार्टफोन  या सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं । जिन लोगों तक इस तकनीक की पहुँ च नहीं हैं उनको पत्राचार या अन् य माध्यम से अपनी राय देनी चाहि ए। मैं भी अपने लेख के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी  द्वारा पूछे गए सवालों का विस् तृत जवाब दे रहा हूँ।

नोटबंदी पर पीएम मोदी की ओर से  पूछे गए दस सवाल और मेरे उत्तर  इस तरह हैंः-

 

प्रश्न 1. नोटबैन पर सरकार के फैसले पर आप क्या सोचते हैं?

उत्तर- भारत सरकार का नोटबंदी का फैंसला देश की आंतरिक अर्थव्यवस्था में फैले काले-धन के खिलाफ सकारात्मक कदम है। सरकार के  एक कदम ने ही कालाबाजारियों के  काले धन को कागज बना दिया। जिन लोगों ने अवैध तरीकों से अर्जित किया हुआ धन अपने घरों में जमा कर रखा था ऐसे लोगों के खिलाफ  सरकार की यह कार्यवाही थी जो की  सराहनीय है। इसका प्रत्येक भारतवासी को समर्थन करना चाहिए।

 

प्रश्न 2. क्या आपको लगता है कि  भारत में कालाधन है?

उत्तर- भारत में बड़ी मात्रा में  कालाधन है जो कि कालाबाजारियों  द्वारा अवैध तरीकोंसे अर्जित  किया हुआ धन है। यह धन देश के का लाबाजारियों द्वारा बिना टैक्स  जमा किये हुए अपने घरों में छिपाया हुआ धन है। अगर कोई व्यक्ति अपने कमाए हुए धन पर टैक्स न  जमा करके उसका संग्रह करता है  वह काला धन कहलाता है। लेकिन कुछ लोग अवैध तरीकों (किडनैपिंग,  स्मगलिंग, पोचिंग, ड्रग्स, अवैध  माइनिंग, जालसाजी और घोटाले) से धन अर्जित करते हैं और उसका संग्रह करते हैं यह काले धन के स्तर को बढ़ा देता है।

 

प्रश्न 3. क्या आपको लगता है कि  भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ  लड़ना चाहिए?

उत्तर- भ्रष्टाचार और कालेधन के  खिलाफ हर सरकार को लड़ना चाहिए।  साथ ही साथ देश की आम जनता को  भी इस मामले में सरकार का सहयोग  करना चाहिए। अगर देश की जनता भ्रष्टाचार और कालेधन के मामले में सरकार का सहयोग करेगी तो सरकार  के लिए भ्रष्टाचार और कालेधन से लड़ने में आसानी होगी। अगर भ् रष्टाचार और कालेधन से नहीं लड़ा  जाता है तो ये देश की अर्थव्यवस्था को खोखला कर देंगें जो कि किसी भी देश के लिए एक त्रासदी  की तरह होगा।

 

प्रश्न 4. भ्रष्टाचार के खिलाफ  सरकार के प्रयास पर क्या सोचते  हैं? 

उत्तर- भारत सरकार (मोदी सरकार)  ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक  जो भी कदम उठाये हैं वो सराहनीय  हैं। मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार  के खिलाफ बहुत ही व्यवस्थित तरीके से एक के बाद एक कदम उठाये हैं । और उनका असर भी हुआ है। इसी कड़ी में सरकार ने नोटबंदी का फै सला लिया इससे लाखों करोड़ रुपयों का देश में भ्रष्टाचार रुकेगा।

 

प्रश्न 5. नोटबंदी के फैसले पर  आप क्या सोचते हैं?

उत्तर- नोटबंदी को अर्थव्यवस्था  की भाषा में विमुद्रीकरण कहा जाता है। अगर आंतरिक अर्थव्यवस्था  से काला धन हटाना है तो किसी भी सरकार को बड़ी करेंसी का विमुद्रीकरण करना चाहिए। विमुद्रीकरण  के जरिये सरकार पुरानी करेंसी को खत्म कर देती है और नई करेंसी  को लागू करती है। जिनके पास काला धन होता है वे लोग पुरानी करेंसी के बदले में नई करेंसी लेने  की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं औ र काला धन स्वयं ही नष्ट हो जा ता है। मोदी सरकार द्वारा 1000  रुपये और 500 रुपये के पुराने नोटों को बंद करना विमुद्रीकरण के  अंतर्गत आता है जो की सरकार द्वारा काले धन को समाप्त करने के  लिए एक सराहनीय कदम है। किसी भी सरकार को देश से आंतरिक काले ध न को समाप्त करने के लिए 10 साल  के अंतराल पर विमुद्रीकरण जैसे  फैसले बिना लोगों को बताये गुप्त रूप से लेने चाहिए।

 

प्रश्न 6. क्या नोटबैन से आतंक  पर लगाम लगेगी, नोटबंदी से भ्रष्टाचार, कालाधन और आतंक रुकेगा। 

उत्तर- नोटबैन से आतंकवाद पर बड़े स्तर पर रोक लगेगी। भारत में दहशतगर्दी फैलाने के लिए बड़े पैमाने पर काले धन का उपयोग होता  है। पकिस्तान की खुफिया एजेंसी  आईएसआई हवाला के जरिए कश्मीर में सक्रिय आतंकियों और अलगाववादियों तक पैसा पहुंचाती है। आईएसआ ई पाकिस्तान में भारतीय करेंसी  के नकली नोट छापकर भारत में वि भिन्न माध्यमों से निर्यात करती  है। इन नकली जाली नोटों को कश्मीर में अराजकता फैलाने के लिए  इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन अब सरकार द्वारा नोटबंदी से पाकि स्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को  आंतक को फंडिंग (यानि आंतकियों  को मिलने वाली वित्तीय सहायता)  करने में खासी मुश्किल आने वा ली है। कहा जाए तो नोटबंदी के बा द कश्मीर के हालात सुधरे हैं। प त्थरबाजी बिलकुल खत्म सी हो गयी  है। नोटबंदी के फैंसले से देश  में ड्रग्स कारोबार और आतंकवाद  के आकाओं पर मार पड़ी है, जो कि  पाकिस्तान में बैठकर हिंदुस्तान  की बर्बादी का सपना देखते हैं।  आतंकी बुरहान के मारे जाने के  बाद पिछले चार महीने से कश्मीर  में हालत काफी खराब बने हुए थे।  दुकान, बाजार, ट्रांसपोर्ट, दफ्तर, स्कूल, कॉलेज, सब बंद थे। अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ठप थी  लेकिन साकार के नोटबंदी के फैसले से कश्मीर की अर्थव्यवस्था  अब पटरी पर आने लगी है। अब लोग  घर से बाहर निकल रहे हैं।  नोटबंदी कहा जाए तो भ्रष्टतंत्र पर कड़ा प्रहार है, नोटबंदी से  100 प्रतिशत बेशक भ्रष्टाचार पर  रोक न लगे लेकिन बड़े पैमाने पर  भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार  को अभी और कड़े कदम उठाने की जरुरत है। नोटबंदी या करेंसी का विमुद्रीकरण करना काला धन रोकने का ही उपाय है जो कि मोदी सरकार ने किया है। नोटबंदी के कदम से देश की आंतरिक अर्थव्यवस्था से उम्मीद तो 100 प्रतिशत काला धन खत्म होने की है। लेकिन 100 प्रति शत न सही 95 प्रतिशत तो काला धन  खत्म हो ही जाएगा। बचे पांच प् रतिशत हेर-फेर करके अपने आप को  बचा लेंगे। लेकिन सरकार द्वारा  उठाये जा रहे कदमों से हेर-फेर  होने की उम्मीद कम ही लगती है।

 

प्रश्न 7. नोटबंदी के फैसले से  उच्च शिक्षा, रियल स्टेट आम आदमी तक पहुंच सकेगी?

उत्तर- नोटबंदी के फैसले से शिक्षा में डोनेशन प्रथा पर रोक लगेगी। डोनेशन प्रथा रिश्वत लेने  का ही एक रूप है। किसी को रिश्वत देनी हो तो पांच सौ व हजार रूपये के नोट, शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेना हो तो यही नोट मांगी जाती थी। अब बड़े नोटों की नो टबंदी के कारण भ्रष्टाचारियों प र लगाम जरूर लगेगी और जिससे गरी ब और मध्यम वर्ग के छात्र-छात्राओं तक उच्च शिक्षा की पहुँच आसान होगी। नोटबंदी के जरिए जो पैसा लोगों द्वारा बैंकों में जमा  होगा उसके जरिए सरकार बैंकों से छात्र-छत्राओं को कम ब्याज या  जीरो प्रतिशत ब्याज पर पैसा दे ने के लिए कह सकती है। किसी भी  देश में आंतरिक काला धन एक रूप  में रियल स्टेट के रूप में भी होता है। कहा जाए तो 50 प्रतिशत का ला धन रियल स्टेट कारोबार में लगा हुआ है।  आने वाले कुछ सालों  तक रीयल इस्टेट सेक्टर में का रोबार बुरी तरह प्रभावित होगा।  रियल इस्टेट कारोबार के प्राथमि क बाजार (डेवलपर-खरीदार) पर ज् यादा असर नहीं पड़ेगा। लेकिन सेकेंडरी बाजार जिसमें रियल इस्टे ट कारोबारी फ्लैट की रीसेलिंग करता है पर ज्यादा असर होगा। क् योंकि रियल इस्टेट कारोबार में  ज्यादातर सौदे चेक से होते हैं।  बल्कि सेकेंडरी बाजार में ज्या दा मुनाफे के लिए सेकेंडरी बाजार कारोबारी मनमाफिक दामों पर फ् लैट का सौदा करते है और नंबर एक  का पैसे चेक से लेते हैं और नंबर दो का पैसा कॅश द्वारा लेते  हैं। जो कॅश लिया जाता है वो  50 प्रतिशत से ज्यादा भी हो सकता है जो काले धन का ही रूप होता  है। सरकार के फैसले की वजह से बा जार में कैश की कमी होगी जिसका  सीधा असर रियल इस्टेट पर होगा।  नोटबंदी के बाद बैंक अपनी दरें  घटाएंगी जिससे फ्लैट की कीमतें  कम हो जाएंगी। और आम आदमी तक इस की पहुँच होगी।

 

प्रश्न 8. नोटबंदी पर असुविधा को कितना महसूस किया?

उत्तर- किसी भी देश में कोई बडा  बदलाव किया जाता है तो असुविधाएं तो होती ही हैं। लेकिन सबसे  बड़ा देश होता है। देश के लिए थो ड़ी बहुत असुविधा तो झेल ही सकते  हैं। घर में भी जब लोग साफ-सफाई या अन्य परिवर्तन करते हैं तो  परेशानी तो होती ही है लेकिन कु छ दिनों बाद परेशानी खत्म भी हो  जाती है। लेकिन हमारी सरकार तो  पूरे देश की साफ-सफाई कर रही है । इसमें थोड़ी बहुत परेशानी झे लकर सभी आमजन को सरकार का सहयोग  करना चाहिए। क्योंकि आने वाले  समय में इसका फायदा आमजन को ही  मिलंगा।

 

प्रश्न 9. भ्रष्टाचार के विरोधी  अब इसके समर्थन में लड़ रहे हैं ?

उत्तर- जो लोग पहले भ्रष्टाचार  का विरोध करते थे और अब नोटबंदी  के खिलाफ लड़ रहे हैं, या तो उन्हें अर्थव्यवस्था की जानकारी नहीं है। या वो खुद भ्रष्टाचार में  लिप्त हैं। लेकिन कुछ लोग आम जन ता को हो रही परेशानियों की वजह  से नोटबंदी का विरोध कर रहे हैं ।

 

प्रश्न 10. क्या आप कोई सुझाव शे यर करना चाहते हैं?

उत्तर- सुझाव सिर्फ यही है कि दूर दराज के गाँव यहाँ बैंक की सुविधा नहीं है वहां सरकार मोबाइल  कैश वैन द्वारा नोटबंदी कराये।  एक और सुझाव बहुत सारे गरीब और  मध्यम वर्ग के लोग बैंकों में  अपना पैसा जमा न कर घर पर ही बच त करते हैं। सालों से पाई-पाई जो ड़ कर उनकी बचत ढाई लाख से ज्या दा हो गयी है। उनको खातों में ज मा करने के लिए विशेष रियायत दी  जाए और टैक्स न लगाया जाए। ले किन ये काम भी पूरी पारदर्शिता  और जांच के साथ होना चाहिए।

– ब्रह्मानंद राजपूत,

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