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'अब जूते के दिन फिरे हैं - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मोहन कुमार झा एक कहावत है कि हर किसी के दिन फिरते हैं। 'अब जूते के दिन फिरे हैं।' रामकथा में वर्णित है कि जब श्रीरामचन्द्र किसी प्रकार से वापस अयोध्या लौटने को तैयार नहीं हुए तो भरत जी ने अपने अग्रज भ्राता से उनकी "चरण पादुक" मांग ली और…