pravakta.com
आ गया है बुढ़ापा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
आ गया है बुढ़ापा,शरीर अब चलता नहीं |चेहरा जो गुलाब था,वह अब खिलता नहीं || हो गयी आँखे कमजोर,अब दिखता नहीं |काँपने लगे है हाथ,अब लिखा जाता नहीं || हो गये है कान कमजोर,अब सुना जाता नहीं |लगा लिया चश्मा भी,उससे काम चलता नहीं || टूट गये सभी दाँत,अब खाना…