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शिक्षक दिवस पर विशेष कविता / स्वयं का कर फिर तू संधान - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
डॉ. अरुण कुमार दवे हे जनमन के नायक , राष्ट्र के उन्नायक आपको शत शत नमन | आप देश और समाज की तरक्की के एकमात्र आधार है| आपकी महिमा अपरंपार है| हे गुरुवर ! हे आचार्य ! हे शिक्षक प्रवर! आप अपनी गरिमा को पुनर्प्रतिष्ठत करें ; माँ भारती…