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उफ़ ये लॉकडाउन - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
दिसंबर में शादी की पचासवीं साल गिरह मनाई थी कई साड़ियाँ उपहार में मिल गई एक दो भाई दोज पर मिली थी अलमारी मे रख दीं कल अलमारी खोली तो मुझसे लड़ने को तैयार थीं एक बोली "कम से कम ब्लाउज़ तो सिलवा लेती कि जब मौका आये तो पहन…