हमारे विचार

डाॅ हेमन्त कुमार

फिलहाल अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है और मंदी का अंदेशा उभर आया है, इसलिए रिजर्व बैंक की ओर से वित्तीय रूप से सरकार के हाथ मजबूत करने की पहल को उपयुक्त समय पर उठाया गया कदम ही कहा जाएगा। यदि अर्थव्यवस्था की सुस्ती और गहराने के बाद रिजर्व बैंक की ओर से सरकार को 1,76,051 करोड़ रुपए हस्तांतरित करने का फैसला किया जाता तो शायद अनुकूल नतीजे हासिल करने में मुश्किल होती। रिजर्व बैंक के इस फैसले के बाद देश के कारोबार जगत के साथ-साथ आम जनता के बीच तो एक अच्छा संदेश जाएगा ही, वैश्विक निवेशकों को भी इसका एहसास होगा कि भारत ने आर्थिक सुस्ती को दूर भगाने के लिए कमर कस ली है। रिजर्व बैंक से उम्मीद से अधिक राशि मिलने से केंद्र सरकार को केवल खर्च बढ़ाने में ही मदद नहीं मिलेगी, बल्कि चालू वित्त वर्ष के शेष समय में बुनियादी ढांचे से लेकर सामाजिक क्षेत्र तक में खर्च बढ़ाकर मांग को बल देने में भी सहायता मिलेगी।

प्रेषक- डाॅ हेमन्त कुमार
ग्राम/पोस्ट-गोराडीह
जिला- भागलपुर

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