पधारो म्हारे देस जी... - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
पिछले हफ्ते मैं शर्मा जी के घर गया, तो वे दोनों आंखें बंद किये, एक हाथ कान पर रखे और दूसरा ऊपर वाले की तरफ उठाये गा रहे थे, ‘‘पधारो म्हारे देस जी...।’’ कभी वे दाहिना हाथ कान पर रखते तो कभी बायां। कभी स्वर ऊंचा हो जाता, तो कभी…