पहाड़ी भाषा का मिटता अस्तित्व - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
ख्वाजा परवेज दिलबर भाषा न केवल विचारों को अभिव्यक्त करने का सर्वाधिक महत्वपूर्ण साधन है बल्कि यह किसी भी समुदाय की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को भी दर्शाने का एक सशक्त माध्यम होता है। देश के अन्य भागों की तरह जम्मू-कश्मी र में भी एक दर्जन से अधिक भाषा बोली…