एक नारी के मन की पीड़ा

0
168

आर के रस्तोगी

पास रह कर भी तुम,मुझसे दूर क्यों चले जाते हो ?
बिना कसूर बताये मेरा, नाराज क्यों हो जाते हो ?

करती हूँ तुम्हारी पूजा,तुम्हे अपना भगवान समझ कर |
फिर भी किसी के और के मंदिर  क्यों चले जाते हो ?

मरती तुम्ही पर जीती तुम्ही पर ख्याल तुम्हारा रहता |
फिर भी किसी दूसरो के ख्यालो में क्यों चले जाते हो ?

लिये है सात फेरे तुम्हारे साथ,तुम्हारे पास ही रहती |
फिर भी दूसरी के साथ तुम घूमने क्यों चले जाते हो ?

उठ रही है मेरी अर्थी अब तुम्हारे ही दर दरवाजे से |
लौट आओ तुम,अपने कभी दूसरो के घर नही जाते || 

आर के रस्तोगी 
मो 997100425

Previous articleमौलिक चिंतन में भाषाकी भूमिका
Next articleपरेशान करती है कश्मीर की जमीनी सच्चाई
आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here