परदेश और गाँव - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
प्रभुनाथ शुक्ल अम्मा ने परदेश जाते समयसफ़र की भूख मिटाने को दिया थागुड़ की भेलियां, अचार की फारियां औरसाथ में भरपूर रोटियां ! ! घर से निकलते बोली थीं अम्माजरा , दही- गुड़ से मुँह झूठा कर लेबस ! यह कहते अम्मा की आँखेंबन गई थीं सावन- भादों की नदी…