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शक्ति संगठन और समरसता के प्रतीक परशुराम जी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-रमेश शर्मा- भारतीय वाङमय में सबसे दीर्घजीवी चरित्र परशुराम जी का है। सतयुग के समापन से कलयुग के प्रारंभ तक उनका उल्लेख मिलता है। भारतीय इतिहास में इतना दीर्घजीवी चरित्र किसी का नहीं है। वे हमेशा निर्णायक और नियामक शाक्ति रहे। दुष्टों का दमन और सत-पुरूषों को संरक्षण उनके की…