भालू पर चिल्लाये।
“मेरी बेटी की शादी है,
गिफ्ट क्यों नहीं लाये?
बिना गिफ्ट के तुमको,
भोजन नहीं मिलेगा भाई।
नहीं देखते कितनी ज्यादा,
बढ़ी हुई मँहगाई।”
भालू बोला, “चूहे राजा,
मत गुस्सा हो यार।
खुद ही बनकर गिफ्ट आई है,
बिल्ली तेरे द्वार।”
ऐसा कहकर भालूजी ने,
डिब्बा एक दिखाया।
म्याऊँ म्याऊँ का जिसके भीतर,
से कोमल स्वर आया।
डर के मारे दौड़ लगाकर,
भागे चूहे भाई।
बिना दिये ही गिफ्ट,
रीछ ने दावत खूब उड़ाई।