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दल बदल लो दाग़ धुल जाएंगे - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अब्दुल रशीद सत्ता का सुख ऐसा है जिसको पाने के लिए नैतिकता और सिद्धांत को दाव पर लगाने से राजनैतिक दल अब परहेज नहीं करते। शायद अब राजनैतिक दलो से जनता के नेता को प्रत्याशी बनाने और उनके कथन पर एतबार करने का जमाना भी लद गया। कुछ ऐसा नज़ारा…