pravakta.com
पहनी है धरती ने ज्‍योति की पायल - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
आज आसमाँ से ये जाकर कह दे कोई सितारों की महफिल कहीं और सजायें। पहनी है धरती ने ज्‍योति की पायल, दीपों के घुंघरू, स्‍वर झाँझन सुनायें। खैर नहीं तेरी ओ अमावस्‍या के अंधेरे धरती से उठा ले तू आज अपने ड़ेरे। रोशनी को देख अंधेरा थरथराया खूब चीखा पटाखों…