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पुल के बदले दीवार बनाते लोग. - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
करीब सौ साल पहले की बात है. बेल्जियम में बैठे एक पाठक को रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों से परिचय होता है. कई अलग-अलग भाषाओँ से होते हुए उनकी भाषा में अनुदित हुए तुलसी के चौपाइयों में छिपी भावनाओं को पढ़ते हुए वह इसा -भक्त मंत्रमुग्ध सा हो जाता है.…