पायलट V/S गहलौत

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गहलौत ने ऐसा चक्कर चलाया,
पायलट चारो खाने चित्त आया।
कहता था मै सरकार गिरा दूंगा,
पर ऐसा गिरा खुद उठ ना पाया।।

अब पायलट कैसे हवा में उड़ेगा,
उसका जहाज कहां लैंड करेगा।
मन में मन वह पछता रहा होगा,
अपनी करनी वह खुद ही भरेगा।।

धोबी का कुत्ता घर का न घाट का,
रहा वह अब सोलह दूनी आठ का
बनना चला चोबे से छक्के बनने,
रहा न धोबी वह अपने घाट का ।।

चला था वह नाको चने चबाने को,
रहा न एक चना उसे चबाने को।
खुश होगा वह बहुत आजकल,
अगर मिले एक चना चबाने को।।

कहते हैं नशा होता है शराब में,
पर शराब से ज्यादा है सत्ता में,।
जब दोनों न मिले किसी नेता को,
वह डूब जाता है गमो के छत्ते में।।

माया न मिली,न मिले उसे राम,
मांगते हो गई सुबह से अब शाम।
क्या करेगा वह बेचारा पायलट,
जब कोई न रहा उसका हाथ थाम

सोचा था सत्ता जहाज उड़ाने की,
किसी ने सोचा था उसे गिराने की।
दोनों ही लगे रहे उड़ाने गिराने मै,
दोनों लालायित हैं सत्ता पाने की।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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