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कविता ; और काबा में राम देखिये - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
श्यामल सुमन विश्व बना है ग्राम देखिये है साजिश, परिणाम देखिये होती खुद की जहाँ जरूरत छू कर पैर प्रणाम देखिये सेवक ही शासक बन बैठा पिसता रोज अवाम देखिये दिखते हैं गद्दी पर कोई किसके हाथ लगाम देखिये और कमण्डल चोर हाथ में लिए…