कौन है जो फस्ल सारी इस चमन की खा गया
बात उल्लू ने कही गुस्सा गधे को आ गया
प्यार कहते हैं किसे है कौन से जादू का नाम
आंख करती है इशारे दिल का हो जाता है काम
बारहवें बच्चे से अपनी तेरहवीं करवा गया
बात उल्लू ने कही गुस्सा गधे को आ गया
वो सुखी हैं सेंकते जो रोटियों को लाश पर
अब तो हैं जंगल के सारे जानवर उपवास पर
क्योंकि एक मंत्री यहां पशुओं का चारा खा गया
बात उल्लू ने कही गुस्सा गधे को आ गया
जबसे बस्ती में हमारे एक थाना है खुला
घूमता हर जेबकतरा दूध का होकर धुला
चोर थानेदार को आईना दिखला गया
बात उल्लू ने कही गुस्सा गधे को आ गया
गुस्ल करवाने को कांधे पर लिए जाते हैं लोग
ऐसे बूढ़े शेख को भी पांचवी शादी का योग
जाते-जाते एक अंधा मौलवी बतला गया
बात उल्लू ने कही गुस्सा गधे को आ गया
कह उठा खरगोश से कछुआ कि थोड़ा तेज़ भाग
जिन्न आरक्षण का टपका जिस घड़ी लेकर चिराग
शील्ड कछुए को मिली खरगोश चक्कर खा गया
बात उल्लू ने कही गुस्सा गधे को आ गया
चांद पूनम का मुझे कल घर के पिछवाड़े मिला
मन के गुलदस्ते में मेरे फूल गूलर का खिला
ख्वाब टूटा जिस घड़ी दिन में अंधेरा छा गया
बात उल्लू ने कही गुस्सा गधे को आ गया
कौन है जो फस्ल सारी इस चमन की खा गया
बात उल्लू ने कही गुस्सा गधे को आ गया।
-पंडित सुरेश नीरव
मेरे नामराशी सुरेश जी , गीत अच्छा हें ,बधाई ! सुरेश ! शर्मा
सरदार है चमकता पर कलई है निक्किल,
मैडम की रहती है हर शै विजिल
बाबा को है पढाना और बढानी है स्किल
बंद करी राग दरबारी उम्र रही है फिसिल
करी मेहनत खूब पर है बढ़ी मुस्किल
जब हों DMK TMC जैसे मुवकिल
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समेट ले खोमचा, लग गए कुनबों के ठेले ग़ालिब,
अब नहीं रही कोई उम्मीद फॉर एनी तालिब.
बहुत -सुन्दर ,ढेर सारी शुभकामनाएं …………..