पुलिस टेनिंग स्कूल में सेक्स ट्रेनिंग

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पुलिस टेनिंग स्कूल में महिला कांस्टेबल यौन शौषण। पुलिस टेनिंग स्कूल में महिला कांस्टेबल यौन उत्पीड़न की इस घटना ने देश भर में तूफान मचाने के साथ साथ उन तमाम घरो में बवाल मचा दिया जिन घरो की बहू बेटिया कोल्हापुर के पुलिस टेनिंग स्कूल में महिला कांस्टेबल की टेनिंग ले रही थी। इन में से अधिकांश महिलाओ और युवतियो के माता पिता और पतियो ने उन्हे फौरन टेनिंग छोडने के लिये कह दिया। इस पूरे मामले के मास्टर माइंड महिला कांस्टेबल यौन शौषण के मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर युवराज कांबले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है पर क्या कानून के जाल में वो बडी मछलिया भी फंसेगी जिन के फैलाए में फंस कर ये लडकिया बहुत छटपटाई होगी। किसी को घरेलू मजबूरी के कारण तो कोई हालात से समझौता कर इन भूखे भेडियो के सामने अपनी देह का सर्मपण करने को मजबूर होना पडा होगा। क्यो कि पकड में आने के बाद कांबले का ये कहना के उसे तो बलि का बकरा बनाया गया है इस सैक्स स्कैंडल में लिप्त बडे अधिकारियो की ओर सीधा साीधा इशारा है। दरअसल इस सैक्स स्कैंडल का खुलासा तब हुआ जब टेनिंग स्कूल की 11 महिला कांस्टेबल के गर्भवती होने की खबरे सामने आई। गत मार्च में इस टेनिंग स्कूल की 71 महिला कांस्टेबल का जब मेडिकल टेस्ट किया गया तो दो कांस्टेबल के गर्भवती होने की बात सामने आई, जिस में से एक को कुछ दिनो बाद सामान्य करार दे दिया गया। पर तब तक बात पराई हो चुकी थी। क्यो कि एक या दो नही पूरी 11 महिला टेनी कांस्टेबल गर्भवती थी जिन में से अधिकतर कुवॉरी थी। एक पीडित टेनी महिला कांस्टेबल की शिकायत पर राज खुला कि इंस्पेक्टर युवराज कांबले ने गत जनवरी में उसे टेस्ट पेपर देने के बहाने अपने कमरे पर बुलाया और उस की मजबूरी का फायदा उठाया। पीडित टेनी महिला कांस्टेबल ने यह भी आरोप लगाया की जॉच के दौरान उस की मेडीकल रिर्पोट में भी हेराफेरी की गई। पुलिस के इस पूरे मामले ने देश को हिला कर रख दिया जो बाते कल तक हम रील लाइफ में देखा करते थे आज वो सारी की सारी रीयल लाइफ में हो रही है पुलिस को जनता का रक्षक कहा जाता है।
मगर इस सब से हमारे देश की पुलिस पर कोई फर्क नही पडता। वर्ष 2008 में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश और दिल्ली पुलिस के बाद सब से ज्यादा शिकायते उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ दर्ज हुई। मगर उ0प्र0 पुलिस की होशयारी के कारण इन में 50 प्रतिशत झूठी साबित हो गई।अगर पूरे देश के आकंडे देखे तो देश भर के लोगो ने पुलिस के खिलाफ लगभग 49000 हजार शिकायते दर्ज कराई, जिन में लगभग 50 प्रतिशत अकेले मध्य प्रदेश और दिल्ली पुलिस के खिलाफ थी। ब्यूरो के आकंडो के अनुसार मध्य प्रदेश में कुल 18315 यानी 35.8 फीसदी शिकायते मिली जबकि दिल्ली पुलिस के खिलाफ 6031 और उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ 6015 शिकायते दर्ज हुई। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 539 पुलिसकर्मिर्यो के खिलाफ विभागीय जॉच गठित की गई जब कि 93 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। विभागीय कार्यवाही 1185 पुलिसकर्मिर्यो के खिलाफ शुरू की गई जब कि 87 पुलिसकर्मिर्यो कों सेवा से बर्खास्त किया गया, 319 पुलिसकर्मिर्यो को कठोर दंड दिया गया। इस रिपोर्ट के अनुसार जम्मूकश्मीर में सब से ज्यादा 219 पुलिसकर्मिर्यो को नौकरी से हाथ धोना पडा। इस के बाद पंजाब और उत्तर प्रदेश का नम्बर रहा।
वो टेनिंग स्कूल जहॉ फर्ज और कानून की बुनियाद डाली जाती हो उस स्कूल में ये घिनौना अनाचार उन पुलिस अधिकारियो के चरित्र और मानसिकता को उजागर तो कर रहा है पर इन पुलिस अधिकारियो को सजा देने वाले और कानून के रक्षको का इनके साथ मिला होना पुलिस की साख में एक बडा सूराख है। इस बडी घटना के बाद सवाल ये उठता है कि किसी भी देश की पुलिस की भूमिका देश के नागरिको की रक्षक की होती है। पर कुछ कानून के रखवाले आज भक्षक बने है। पैसा कमाने, अय्याशी, शराब, डांस बारो में जाना आज हाई सोसायटी में फैशन बन गया है जिस के लिये लोग अपना फर्ज और ईमान तक बेचने लगे है। इस पूरे मामले पर गृहमंत्री ने कहा है कि मेडीकल जॉच में केवल एक ही लडकी गर्भवती पाई गई है जो कि शिकायतकर्ता भी है लेकिन स्थानीय सांसद सदाशिव मंडलिक ने दावा किया कि पुलिस प्रिशक्षण केंद्र में कुल 11 महिला कांस्टेबल गर्भवती हुई है जिन में से एक ने गर्भपात भी कराया है। माननीय सांसद का ये भी कहना है कि इस पूरे कांड में कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक पूरी तरह शामिल है इस लिये इस कांड की निष्पक्ष जॉच के लिये उनका तबादला होना बेहद जरूरी है उनके मुताबिक लगभग तीन साल से पुलिस टेनिंग स्कूल में महिला कांस्टेबल के साथ ये यौन शौषण का कारोबार चल रहा था इस के साथ ही महिला टेनी कांस्टेबलो को पुलिस के वरिष्ट अफसरो के घरो पर सेक्स के लिये भेजा जाता था। इस पूरे कांड में ऐसा भी लगता ह कि ये किसी संगठित अपराध का हिस्सा भी हो सकता ह यदि इस पमरे प्रकरण की जॉच गम्भीरता से कि जाये तो कई रसूखदार और राजनीति में रचे बसे बडे बडे नाम लोगो के चेहरे बेनकाब हो सकते है।
हमारे देश की पुलिस यू तो पुलिस रिकार्ड के अनूसार चौबीसो घंटे जनता की सेवा में ही लगी रहती है,लंिन ऐसा बिल्कुल नही है। अब कहने को एफआईआर एक बहुत ही मामूलीसी प्रकि्रया है,लेकिन इसे दर्ज कराने में अच्छे अच्छो के पसीने छूट जाते है। जायज केस होने के बावजूद पुलिस वालें इसे कागज तक नही आने देते। दरअसल एसपी या आईजी के डर से ये लोग बडे से बडे और छोटे से छोटे अपराध को अपने इलाके में दिखाना ही नही चाहते, क्योकि ये एक ऐसे भ्रष्ट तंत्र के अधीन काम कर रहे होते है, जहा अतिरिक्त कार्यक्षम दिखने दिखाने के मोह में ये अपने इलाके के तमाम अपराधो को छुपा जाते है। आज देश में दिन प्रति दिन अपराध का ग्राफ ब रहा है, नोएडा और मुज्फ्फरनगर अपराधो की मंण्डी बनते जा रहे है वही देश में दस लाख की आबादी वाले अधिकतर शहरो में भी अपराध का ग्राफ ब रहा है ऐसे शहरो में मध्य प्रदेश का इंदौर अपराध दर के मामलो में सब से ऊपर है जब कि भोपाल इस सूची में दूसरे स्थान पर है एनसीआरबी रिपोर्ट 2008 के मुताबिक, इंदौर में अपराध दर 941.4 दर्ज की गई जो मेगा शहरो में सब से ज्यादा है इंदौर के बाद उच्च अपराध दर वाले शहरो में भोपाल 791.4, जयपुर 663, कोच्चि 587.2 और राजकोट 551.4 यह फेहरिस्त उन आपराधिक घटनाओ पर आधारित है,जिन में आईपीसी के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई। आज जब बेटिया अपने घरो में ही सुरक्षित नही तब हम उन्हे कार्य स्थलो पर किस प्रकार सुरक्षित समझ सकते है ? ये सब हमे सोचना और समझना भी  चाहिए!

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  1. लेखक के कहते, “पैसा कमाने, अय्याशी, शराब, डांस बारो में जाना आज हाई सोसायटी में फैशन बन गया है जिस के लिये लोग अपना फर्ज और ईमान तक बेचने लगे है” इस खबर को पढ़ कोई विशेष अचम्भा नहीं हुआ| अचम्भा तो तब होगा जब ट्रेनिंग के पश्चात कांस्टेबल की नियुक्ति होने पर यह औरतें दूसरी ट्रेनीज को यौन शौषण में फ़साने में फुल-टाइम कार्यरत हो देश में सर्व-व्यापक भ्रष्टता को चार चाँद लगाएंगी|

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