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आर. सिंह की कविता / कविता का अन्त - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मेरी बेटी, कहती है मुझसे. डैडी लिखते तो हैं आप. एक तरह से अच्छा ही लिखते हैं. भाषा पर पकड भी अच्छी है आपकी. पर, पर क्या मेरी बेटी? साफ साफ कहो मुझसे. क्या कमी दिखती है तुमको मेरे लेखन में? डैडी, निराशा झलकती आपकी रचनाओं में. निराश नजर आते…