राम जेठमलानी फिर सुप्रीम कोर्ट बार एसोशिएशन (एससीबीए) के चुनाव मैदान में

आगामी 11 मई 2011 को सुप्रीम कोर्ट बार एसोशिएशन (एससीबीए) के चुनाव होने हैं। गौरतलब है कि एससीबीए  के लिए 21 प्रतिनिधि चुने जाते हैं, जिसमें 6 पदाधिकारी, 6 वरिष्ठ अधिवक्ता और जूनियर बार के लिए 9 सदस्य होते हैं। एससीबीए के 6 पदाधिकारियों के लिए अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष, दो सचिव और दो कोषाध्‍यक्ष के चुनाव होने हैं। इस बार अध्‍यक्ष पद के लिए  राम जेठमलानी, अ‍ादिश अग्रवाल, पी. एच. पारेख और राजीव दत्ता चुनाव लड़ रहे हैं।

 

विदित हो कि राम जेठमलानी वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट बार एसोशिएशन के अध्‍यक्ष हैं। बहुआयामी व्‍यक्तित्‍व के धनी जेठमलानी 87 वर्ष की उम्र में भी, जब लोग विस्‍मृति के शिकार हो जाते हैं और सहारे के लिए हाथों में लाठी थाम लेते हैं, उनका जुझारू तेवर काबिल-ए-तारीफ हैं। उनकी सक्रियता अधिवक्‍ताओं के लिए पाथेय है तो उनकी जीवटता अनुकरणीय। 17 वर्ष की उम्र में कानून की डिग्री हासिल कर सबको चमत्‍कृत करने वाले जेठमलानी ने अपनी काबिलियत व वकालत के अपने तुजुर्बे की बदौलत अपार ख्‍याति अर्जित की है। उनके समकक्ष देश में कोई अधिवक्‍ता या विधि विशेषज्ञ नहीं है। अपने प्रतिपक्षियों के तर्कों को ध्‍वस्‍त करने में उन्‍हें महारत हासिल है। उनके तेवर, तर्कों और तथ्‍यों के आगे अच्‍छे-अच्‍छे कानूनविद् धराशायी हो जाते हैं। अपने बेबाकीपन के लिए मशहूर रामजेठमलानी कानून के इतर भी सामाजिक और राजनैतिक मुद्दों पर आवाज बुलंद करते रहते हैं। चाहे ’70 के दशक में आपातकाल की चुनौती हो या‍ फिर वर्तमान समय में काले धन की समस्‍या, वो इन सभी समस्‍याओं को दूर करने हेतु बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। यही कारण है कि देश की जनता ने उन्‍हें अपने हक की बात उठाने के लिए दो बार लोकसभा में भेजा तो दो बार राज्‍यसभा में। वर्तमान में भी आप तीसरी राज्‍यसभा के सम्‍मानित सदस्‍य हैं। इससे पूर्व जेठमलानी दो बार देश के केन्‍द्रीय कानून मंत्री का दायित्‍व भी संभाल चुके हैं।

 

इस बार का एससीबीए चुनाव कई मायनों में दिलचस्‍प होगा। वर्तमान समय में राम जेठमलानी एससीबीए के सबसे वरिष्‍ठ सदस्‍य हैं और उन्‍हें ही इतनी उम्र में बार एशोसिएशन के अध्‍यक्ष निर्वाचित होने का गौरव भी प्राप्‍त है। आज तक किसी भी देश के बार एसोशिएशन में कोई भी व्‍यक्ति 87 साल की उम्र में चुनाव नहीं लड़ा होगा। और सबसे महत्‍वपूर्ण बात है कि इस बार भी एससीबीए के अध्‍यक्ष पद के लिए उनकी दावेदारी प्रबल मानी जा रही है।

2 COMMENTS

  1. बुरा न मनो या तो उनके समर्थक उन्हें सम्मान देना चाहते है या फिर कोई दूसरा जेठमलानी पैदा नहीं हुआ यह हमारे लिए दुर्भाग्य ही होगा जैसा की लेखक ने लिखा है. मैं इन शब्दों से किसी की निंदा नहीं कर रहा और न ही अपमान ही कर रहा हूँ साथ ही ये सुझाव देना चाहूँगा की अच्छा होता यदि जेठ मालानी जी अपने किसी महान शिष्य को चुनाव मैं उतारते और उसे विजय दिलाकर आशीर्वाद प्रदान करते इसे भी उनकी विजय ही समझा जायेगा.

  2. सुप्रीम कोर्ट बार एसोशिएशन (एससीबीए) के चुनाव में श्री राम जेठमलानी जी की ही जीत होगी और ऐसे व्यक्ति ही अध्‍यक्ष पद के योग्य भी है.

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