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भारतीय समाज में कन्यादान का वास्तविक स्वरूप - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
डॉ. विवेक आर्य आजकल लिबरल के नाम एक नया कुतर्क दिया जा रहा है। विवाह के समय कन्या कोई वस्तु थोड़े ही है जिसका दान दिया जाये। ऐसा कुतर्क दिया जा रहा है।इस शंका का समाधान स्वामी विद्यानन्द सरस्वती ने अपनी कृति “संस्कार भास्कर” में इस प्रकार किया है- कन्यादान…