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अपने पिता को याद करते हुए ........... - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
महाप्रयाण एक गांधीवादी का गिरीश पंकज अपने पिता पर कुछ लिखना कठिन होता है, लेकिन लिखना चाहिए, अगर पिताजी के अपने सामाजिक सरोकार रहे हों, अगर उनका जीवन परदु:खकातरता से सराबोर रहा हो, अगर वे बेहतर मानव के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध रहे हों। मेरे पिताश्री पिछले दिनों (18 मार्च,…