घनघोर घटाओ व बिजली का वार्तालाप

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घनघोर घटाओ से,बिजली आज यू बोली
बहन कहाँ जा रही हो,मुझे छोड़ अकेली ?
मै तो साथ रहती हूँ,हमेशा तुम्हारे साथ
क्या मै नहीं अब तुम्हारी प्यारी सहेली ?

बिजली की सुन बाते,घनघोरघटाएं बोली
हम जा रहे विरहणी के पास जो है अकेली
प्रियतम उसके पास नहीं,जो अब है अकेली
अगर ले जाते है तुझे,तेरी गर्जना से डर जायेगी
अपने प्रियतम के गम में, वह यूही मर जायेगी

तुम तो बहुत गरजती हो,अगर तुम गिर जाओगी
मृत्यु को वह प्राप्त होगी,भस्म तुरन्त हो जायेगी
प्रियतम जब उसका आयेगा उसको क्या उत्तर देगे ?
कलंक हमारे ऊपर लगेगा,कोई न हमे माफ़ करेगा

अपनी प्रेमिका को मरा देख,वह श्राप हमको देगा
“तुमको तुम्हारा प्रियतम न मिलेगा भाग्य फूटा होगा”
इसी बात के कारण, हम तुमको साथ नहीं ले जाती
पक्की हो  हमारी सहेली,वरना तुमको साथ ले जाती

घनघोर घटाओ की सुन बात,बिजली उनसे यू बोली
वैसे तो तुम कहती हो सहेली,क्यों छोड़ती हो अकेली ?
मै तो हूँ पक्की सहेली तुम्हारी,फर्ज अपना निभाऊगी
जहा तुम्हे दिखाई न देगा,वहाँ रास्ता तुम्हे दिखाऊगी

भले ही मै कडकती,अपनी चमक से रास्ता सबको दिखाती
घनघोर घटाओ से हो जाता अँधेरा रास्ता मै सबको दिखाती
मत छोडो बहन मुझे अकेला,वरना मै भी यहाँ मर जाउंगी
एक से एक मिलकर ग्यारह होते,ताकत तुम्हारी बन जाउंगी

बिजली की सुन तर्क की बाते,घनघोरघटाएं उसको ले चलती है
इसी तरह एक विरहणी की दो बहिने,उसकी पीड़ा को हरती है
अगर सोच तुम्हारी है अच्छी ,दुखियो के दुःख निबट जाते है
ये तो था विरहणी का दुःख,बड़े बड़े दुःख सबके दूर हो जाते है

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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