हिन्दी भाषा के सम्बंध में कुछ विचार

प्रोफेसर महावीर सरन जैन जब से विश्व के प्रामाणिक संदर्भ ग्रंथों ने यह स्वीकार किया है कि चीनी भाषा के बाद हिन्दी के मातृभाषियों की संख्या सर्वाधिक है, कुछ ताकतें हिन्दी को उसके अपने ही घर में तोड़ने का कुचक्र एवं षड़यंत्र रच रही हैं। यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि हिन्दी का मतलब … Continue reading हिन्दी भाषा के सम्बंध में कुछ विचार