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सामुदायिक रेडियो पर जीवंत संवाद करती किताब ‘कम्युनिटी रेडियो’ - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
पुस्तक समीक्षा संजीव परसाईं तकनीक के विस्तार के साथ ही संचार माध्यमों का तीव्र गति से विकास हो रहा है. सूचना के लिए कभी हम अखबारों पर निर्भर हुआ करते थे, फिर दौर आया रेडियो का और इसके बाद दूरदर्शन और फिर बांहें फैलायी टेलीविजन मीडिया ने. इस दौर में…