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अनामिका घटक की कविता - नि:शब्द - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
खामोश हम तुम बात ज़िन्दगी से आँखों ने कुछ कहा धड़कन सुन रही है धरती से अम्बर तक नि:शब्द संगीत है मौसम की शोखियाँ भी आज चुप-चुप सी है गीत भी दिल से होंठ तक न आ पाए बात दिल की दिल में ही रह जाए जिस्मों की खुशबू ने…