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अनामिका की कविता : चढ़कर इश्क की - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
चढ़कर इश्क की कई मंजिले अब ये समझ आया इश्क के दामन में फूल भी है और कांटे भी और मेरे हाथ काँटों भरा फूल आया ------------- फूल सा इश्क पाकर फूला न समाया पर बेवफाई का काँटा हर फूल ने ज़रूर चुभाया ---------------- अब तो मेरी हालत देख दोस्त…