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धार्मिक प्रसारण की साम्प्रदायिक रंगतें - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
जगदीश्‍वर चतुर्वेदी धर्म को जनमाध्यमों के जरिए प्रक्षेपित करने के साथ ही, धर्म अब निजी मसला नहीं रह जाता। यह अंधलोकवाद का अंग बनकर लोकवादी (मासकल्चर) संस्कृति की इकाई के तौर पर भूमिका अदा करने लगता है। जनसमाज में धर्म की शक्ल एक माल की हो जाती है। वह लोगों…