यज्ञ से प्रकृति का बना रहता है संतुलन

 

परमपूज्य ब्रह्मलीन योगीराज श्री देवराहा बाबाजी महाराज की 21वीं पुण्य स्मृति के अवसर पर रमना मैदान के मानस मंदिर प्रांगण में त्रिकालदर्शी परमसिद्ध योगीराज व अध्यात्म गुरु संतश्री देवराहा शिवनाथ दास जी महाराज के तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ का 23 जून को समापन हो गया। इस महायज्ञ का महा प्रसाद हजारों भक्तों ने ग्रहण किया। वही यज्ञ मंडप की परिक्रमा हजारों लोगों ने किया।

श्री विष्णु महायज्ञ में जनकपुर धाम से पधारे श्री विश्वनाथ शुक्ला उर्फ शृंगार जी महाराज ने आज अपने कार्यक्रम का समापन श्रीराम जानकी-विवाह से किया। वही वृंदावन धाम से पधारे श्री प्रदीप जी महाराज ने भी भक्तों को श्रीमद् भागवत का रहस्य समझाये।

दूसरी ओर त्रिकालदर्शी व अध्यात्म गुरु संत श्री देवराहा शिवनाथ जी द्वारा घृतढ़ारा द्वारा हवन कुंड में आहूति देकर यज्ञ मंडप के कार्य व विष्णु महायज्ञ को समापन किया। इस महायज्ञ में खगड़िया, आहोक, बेल दौड़, आलमनगर, बेगूसराय, पटना, सहरसा, नेपाल, रक्सौल, दरभंगा, छपड़ा, औरंगाबाद, भोजपुर व बक्सर, चंडीगढ़, नई दिल्ली, बनारस, आजमगढ़, मद्रास के कोने-कोने से पहुंचकर भक्तगण भाग लिये। वहीं कार्यक्रम के समापन के पश्चात् त्रिकालदर्शी परमसिद्ध योगीराज व अध्यात्मिक गुरु संत श्री देवराहा शिवनाथ दास महाराज ने कहा कि यज्ञ करने से प्रकृति का संतुलन बना रहता है। गंभीर रोग दूर हो जाते है तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। वहीं सुभाष प्रसाद सिन्हा भी बाबा का आशीर्वाद लिये। वहीं वीकेएसयू के छात्र कल्याण संघ के अध्यक्ष प्रो. अक्षयवर सिंह ने मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन प्रो. कमलानंद सिंह ने किया।

दूसरी तरफ रामनवमी समिति के महासचिव शंभु प्रसाद चौरसिया, कोषाध्यक्ष चन्द्रभानु गुप्ता व संपूर्ण रामनवमी समिति तथा सुनील सिंह अश्रि्वनी कुमार झा, रामदास, राजेश्वर पासवान सहित संपूर्ण आरावासियों का सहयोग रहा। वही महामहिम राष्ट्रपति तथा लोकसभा अध्यक्ष द्वारा यज्ञ की सफलता के लिए शुभकामना संदेश से भक्तों में काफी उत्साह देखा गया।

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