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सड़कें यूं उदास तो न थी ….!! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
तारकेश कुमार ओझा अपनों से मिलने की ऐसी तड़प , विकट प्यास तो न थीशहर की सड़कें पहले कभी यूं उदास तो न थीपीपल की छांव तो हैं अब भी मगरबरगद की जटाएंं यूं निराश तो न थीगलियों में होती थी समस्याओं की शिकायतमनहूसियत की महफिल यूं बिंदास तो न…