ऋषि दयानन्द के दो मुख्य मन्तव्य और उनके अनुसार मनुष्य का कर्तव्य - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने अपने विश्व विख्यात ग्रन्थ ‘सत्यार्थप्रकाश’ के अन्त में ‘स्वमन्तव्यामन्तव्य प्रकाश’ के अन्तर्गत अपने निजी मन्तव्यों का प्रकाश किया है। अपना निजी मन्तव्य बताते हुए वह लिखते हैं कि ‘मैं अपना मन्तव्य उसी को जानता हूं कि जो तीन काल में सबको एक सा मानने…