व्यंग्य/ अंधेर नगरी लोकतांत्रिक राजा

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सुनो! सुनो !!सुनो!!! अंधेर नगरी के लोकतांत्रिक राजा का फरमान! जो भी आज से उनके राज्य में सच बोलेगा, उसका होगा चालान। झूठ बोलने वाला हर आम और खास को बराबर पुरस्कृत किया जाएगा। अंधेर नगरी में ईमानदारी बंद। सरकार के आदेश-कानून ईमानदारों के साथ कतई भी नरमी न बरते। जो भी कानून का हवलदार किसी ईमानदार से नरमी बरतता हुआ पाया जाएगा, सरकार का आदेश है कि वह उसके बाद अपनी मेहनत की खाएगा। सही तौलने का मजा, उम्र भर कठोर कारावास सजा। कायदे कानून की जो बात करता हुआ तो करता हुआ, सुनता हुआ भी पाया जाएगा, वह एक साल के लिए नहीं, दो साल के लिए भी नहीं। जब भी यहां जिस भी योनि में पैदा होगा बस हवालात की ही खाएगा।

अंधेर नगरी में देश की बात करना बंद। देश की हालत को देख कर जो आंखों में तनिक भी आंसू लाएगा। ये सरकार बहादुर का हुक्म है कि वह जेल में अपने पैसों से जो कुछ ला सकेगा, वही खाएगा। अंधेर नगरी में राष्‍ट्रीय संवेदनाओं के मरने का हो चुका ऐलान! देश के प्रति जो कहीं कोई संवेदना जिंदा दिखी तो सरकार का सख्त आदेश कि उसे देखते ही गोली से उड़ा दिया जाए। जो मेहनत की खाने में करता हो विश्‍वास, वह ध्यान से सुने- मेहनत की खाना आज से राज्य में बकवास! हराम की खाओ! लोकतंत्र के गुण गाओ।

क्षमा की बात, अब राज्य में बेमानी होगी। लाठी होगी पास जिसके, उसकी ही भैंस, चाहे अंधी होगी,चाहे कानी होगी। मिलावटी दूध घी अब धड़ल्ले से बिकेगा बाजार, उसे खाकर चाहे हो कोई बीमार चाहे मरे, प्रजा के हित में व्यवस्था का एक दायित्व की वो मरने वालों के मृत्यु प्रमाण पत्र अविलंब जारी करे ताकि प्रजा को यमलोक जाने में विलंब न हो। वहां जाकर उनके साथ शीघ्र अति शीघ्र तो न्याय हो।

सड़क के नियमों का पालन न करना अब हरेक की नैतिक जिम्मेवारी। जहां से मर्जी करे गधे, प्रजा सड़क पर चले। पर हां, जो मजाक में ही सही सड़क पर चलते हुए सड़क के नियमों का पालन करता हुआ दिखेगा, वह पुलिस के डंडे से पहले जागरूक जनता के हाथों से पिटेगा।

अंधेर नगरी के राजा ने जनता की भलाई के लिए जनता के हाथ में सौंप दिए सब अधिकार। राजा कुछ नहीं बोलगा, वह अब अपनी आंख गलती से भी कतई नहीं खोलगा। अगर उसकी आंख गलती से जनता को खुली दिखे तो वह बंद ही मानी जाए। जनता की संपत्ति अब केवल राजा की संपत्ति होगी। जनता का काम है बस अब नाच गाना, तालियां बजाना। सरकारी राशन के डिपू से आटे दाल के नाम पर जो कुछ भी मिले उसे भगवान का प्रसाद समझ चुपचाप खाना।

अंधेर नगरी में आज से वही बुद्धिजीवी कहलाएगा जो राजा की हां में हां मिलाएगा। वही कवि शिरोमणि की उपाधि से विभूषित होगा जो राजा के गुणगान में महाकाव्य लिखेगा। जनता के दर्द को अपने काव्य का आधार बनाने वाले कान खोलकर सुनें! जनता के दर्द को अपने काव्य का बुखार बनाने वाले आंख खोलकर सुनें!! वे सम्मानित होना चाहते हों तो जनता के दर्द को छोड़ राजा चरित का अतिशयोक्ति पूर्ण वर्णन करें। अपने काव्य के माध्यम से राजा को भगवान का टच दे जनता के सामने प्रस्तुत करें। जो कवि अपने राजा का गुणगान अपनी लेखनी का आधार बनाएगा। सरस्वती सम्मान भी वही पाएगा और पद्मश्री भी वही पाएगा।

अब गांव में नहीं संसद में होगा अखाड़ा। वहां नीति की नहीं झांपड़ की बात होगी, घूंसों की बात होगी, लातों की बात होगी। अखाड़े में अब पहलवान पैदा करना बंद। अब अखाड़ों में देश के भावी नेता पैदा किए जाएंगे। जो बड़े होकर संसद मे अपनी अपनी टांग नाक तुड़वाएंगे पर अपनी अपनी पार्टी की नाक हर हाल में बचाएंगे।

सरकारी संपत्ति को हड़पने पर से सरकार ने हटा दिया प्रतिबंध। अब दिल खोलकर कुछ भी करने को अंधेर नगरी का हर नागरिक स्वछंद। जिसमें जितनी हिम्मत हो बिना किसी डर के वह सरकारी संपत्ति को चूना लगाए। उसे स्विस बैंक में जमा कराए या मरने पर अपने साथ ले जाए।

अबसे सरकार करेगी हर दुस्साहसी का सम्मान! राजा का फरमान सुन प्रजा ने कहा हे राजा तुझे सलाम। अंधेर नगरी चौपट राजा, अगर कुछ बचा है तो तू भी खा जा!

-डॉ. अशोक गौतम

1 COMMENT

  1. सर,
    MAYAWATI IS TAKING ADVANTAGE OF POLITICS PRESSURE TACTICS WHILE TELANGA ISSUE WAS SET IN FIRE. WHY SHE WAS MUM TILL NOW. BUNDELKHAND IS ALSO BACKWARD AND THERE IS NEED OF OVERALL DEVLOPMENT BUT UPA GOVT SPECIALLY RAHUL GANDHI HAS FELT THE PAIN OF BUNDELKHAND REGION AND FORMED BUNDELKHAND DEVLOPMENT AUTHORITY IF THIS AUTHORITY WIL WORK THEN BUNDELKHAND WILL BE FORWARD KHAND. THERE IS STRONG LEADER LIKE PRADIP JAIN HON MINISTER MORURAL DEVLOPMENT OF STATE AND UNDER REINS OF SRI PRADIP JAIN JEE AND RAHUL GANDHI JEE THE PEOPLE OF BUNDELKHAND WAITING FOR BETTER TOMMORROW AND BETTER PPROSPECTS. U.P IS GREATER AND BIG STATE BUT THIS DEMAND IS BEING RAISED WHEN TILANGANA ISSUE HAS TAKEN BURNING ISSUE. SMALL PART OF STATE FOR BETTER DEVLOPMENT IS GOOD IDEA AND NDA HAD FORMED THREE NEW STATES BUT THERE WAS NO HUE AND CRY WHY NOW. NOW TIME HAS COME WHEN CENTTAL GOVERNMENT AND STATE GOVERNMENT SHOULD COOPRATE EACH OTHER AND SITTING AROUND THE TABLE SOLUTION MUST COME OUT. BUT FOR PRESSURE TACTICS AND DEMAND OF PURWANCHAL IS JUST POLITICAL MOTIVATED MOVE IF MAYAWATI IS SO SERIOUS FOR DEVLOPMENT THEN SHE SHOULD USE THE MONEY FOR DEVLOPMENT OF U.P NOT FOR MURTIYA AND GARDENS. SHE SHOULD CO-OPRATE FOR DEVLOPMENT OF BUNDELKHAND AND PURVANCHAL AND OTHER BACKWARD AND NEGLECTED ARES OF U.P. PEOPLE VOTED MAYAWATI JEE FOR GOOD ADMINISTRATION AND REMOVAL OF POVERTY AND OVERALL DEVLOPMENT OF STATE AND ELIMINATION OF CRIMINAL ACTIVITIES OF U.P WHICH IS WELL KNOWN FCT IN FRONT OF PEOPLE OF INDIA
    REGARDS
    SUNITA ANIL REJA, MUMBAI

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