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सतीश सिंह की कविताएं - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
आम आदमी राहु और केतु के पाश में जकड़ा रहता है हमेशा कभी नहीं मिल पाता अपनी मंज़िल से भीड़ में भी रहता है नितांत अकेला भूल से भी साहस नहीं कर पाता है ख्वाब देखने की संगीत की सुरीली लहरियां लगती है उसे बेसूरी…