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सात्विक धन एवं पुण्य कर्म ही लोक-परलोक में जीवात्मा के सहायक - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को अपना जीवन जीनें के लिए धन की आवश्यकता होती है। भूमिधर किसान तो अपने खेतों में अन्न व गो पालन कर अपना जीवन किसी प्रकार से जी सकते हैं परन्तु अन्य लोग चाहें कितने विद्वान हों, यदि नौकरी या व्यापार न करें तो उनका…
मनमोहन आर्य