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एक वृक्ष भी बचा रहे संसार में...! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
ओम माली अपनी एक कविता में प्रकृति पर कुछ यूं लिखते हैं -'जब स्वार्थों से भर जाएंगे घर-घर, मन-धरा भी जब हो जाएगी बंजर। तब-तब आसमां भी बरसाएगा अग्नि, मृत्यु-तांडव सा चहुँओर होगा मंजर ।।तुम प्रकृति का करते रहोगे अति दोहन, शमशीरें बन मेघों से बरसेगी बिजलियाँ।।तो कैसे सुरक्षित रह…
सुनील कुमार महला