भगवान कृष्ण के जन्म का आँखों देखा हाल

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भादों की अष्टमी की रात थी,जब जन्मे कृष्ण मुरारी
खुल गई तब बेड़ियाँ सारी,जब जन्मे कृष्ण बनवारी

धन्य हुये वासुदेव,ये खुशियाँ जब जीवन में पधारी
कंस के अंत की हो गई थी,अब सारी वहाँ तैयारी 

खुल गए सब ताले झट से,सो गये चौकीदार सारे
लेकर कान्हा को फिर वासुदेव आये यमुना किनारे

घनघोर घटाये घिरी थी,वर्षा रुकने का नाम न लेती
यमुना का जल ऊपर चढकर कृष्ण के पैरो को छूती

देख रहे थे ये सब ,फिर भी वासुदेव हिम्मत न हारे
कृष्ण को लेकर आगे बढ़ते गये,सिर पर टोकरा धारे

सिर पर रखकर टोकरे को,वासुदेव यमुना में चलते जाते
पीछे पीछे शेषनाग जी,बारिस से उनकी रक्षा करते जाते

गोकुल में जब वासुदेव आये,सबको वहाँ सोता पाये
यशोदा की बेटी उठा कर,कृष्ण भगवान को लिटाये

वापिस आने पर वासुदेव ने फिर से हथकडिया पाई
दरवान जग चुके थे,बच्चे की कंस को सूचना पहुचाई

जैसे ही कंस मारने को आया,हुई आकाश से एक वाणी
तेरा मारने वाला पैदा हो गया है,तू कर अपनी निगरानी

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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