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कहो कौन्तेय-४९ (महाभारत पर आधारित उपन्यास अंश) - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
(द्रोणाचार्य, अश्वत्थामा और कर्ण की पराजय) विपिन किशोर सिन्हा अब मेरे सामने लाल अश्वों से युक्त रथ पर आरूढ़ परमपूज्य गुरुवर द्रोणाचार्य थे। मैंने उनके रथ की परिक्रमा की, प्रणाम किया और सम्मुख उपस्थित हो निवेदन किया - "हे मेरे परमपूज्य गुरुवर! युद्ध में आप सदैव अजेय रहे हैं। आपको…