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सीख देती चीटियाॅ - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
आत्माराम यादव पीव कभी चीटियों को देखों मुॅह मिलाकर प्रेम करती है अंजान चीटी से पहचानकर नेह का यह मिलाप असीम अपनत्व का इजहार है वे मुॅह मिलाकर एक दूसरे को आभार व्यक्त करने के साथ नमस्कार करती है। कभी चीटी जैसे किसी जीव का ओढ़ना-बिछाना, चैका-चूल्हा थाली बघौनी देखी…