भारत में सेल्फी के लिए दांव पर लगती है अनमोल जिंदगियां

युद्धवीर सिंह लांबा

क्या दुनियाभर में सेल्फी लेते समय सबसे ज़्यादा लोगों की मौत भारत में होती है ?
जी हां। चौकिये मत, यह सोलह आने सच है। यकीन न हो तो  इंडिया जर्नल ऑफ फैमिली मेडिसीन एंड प्राइमरी केयर ने हाल ही
में एक रिपोर्ट जारी की है, एक बार यह रिपोर्ट जरूर पढ़ लें।  इंडिया जर्नल ऑफ फैमिली मेडिसीन एंड प्राइमरी केयर ने अपनी
रिपोर्ट में दावा किया है कि 2011 से 2017 तक 259 लोग सेल्फी लेने की चक्कर में अपनी जान गवां बैठे हैं। रिपोर्ट में कहा गया
है कि यह आंकड़ा सालों-साल बढ़ रहा है। सेल्फी के कारण अभी तक 159 लोगों की मौत के आंकड़े के साथ भारत सबसे आगे है,
जबकि पूरी दुनिया में सेल्फी के कारण होने वाली मौत की संख्या 259 है। उपरोक्त अवधि में रूश में 16 लोगों की और
पाकिस्तान व अमेरिका में 14 लोगों की जान सेल्फी के कारण गई।
दुनियाभर में सेल्फी का हर कोई दीवाना है लेकिन भारत में युवाओं में सेल्फी का क्रेज कुछ ज्यादा ही है । भारत में आए दिन कहीं
न कहीं से सेल्फी से लोगों के मरने की खबरे आ जाती है जो कि बहुत ही चिंताजनक विषय है । आजकल हर कोई सेल्फी के द्वारा
दोस्तों या परिवार के साथ गुजारे खट्टे-मीठे खुशनुमा पलों और यादें को कैमरे में कैद करना चाहते हैं। सेल्फी की दीवानगी में
दूसरों को प्रभावित करने के लिए जो युवा या युवती अपनी कीमती जान की भी परवाह नहीं कर रहे हैं उन्हें यह समझना ही
होगा कि जिंदगी अनमोल है। श्रीमद्भागवत में लिखा हुआ कि ‘दुर्लभो मानुषो देहो’ अर्थात् देहधारियों में मनुष्यदेह दुर्लभ है।
आज के दौर में लगभग हर किसी को सेल्फी लेने का शौक है। अब सवाल आता है कि आखिर ये सेल्फी क्या होती है? ऑक्सफोर्ड
डिक्शनरी की परिभाषा के अनुसार ”सेल्फी का मतलब किसी स्मार्टफोन या वेबकैम से खुद अपनी तस्वीर खींचना और उसे
सोशल वेबसाइट्स पर अपलोड करना है” । सेल्फी को ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द इयर 2013 घोषित कर दिया गया है। 
सेल्फी शब्द को फ्रेंच डिक्शनरी ‘ले पेटिट लराउसे’ में शामिल किया गया है ।ब्रिटेन के समाचार पत्र ‘टेलीग्राफ’ में प्रकाशित एक
खबर के अनुसार फ्रेंच डिक्शनरी में शामिल किए गए इन नए शब्दों में ‘सेल्फी’ सर्वाधिक प्रभावी शब्द है।
इस रविवार 7, जुलाई, 2019 को मैं (युद्धवीर सिंह लाम्बा ) मेरे गांव धारौली, जिला झज्जर में मेरे सहपाठी जितेंद्र शर्मा के साथ
बातें कर रहा था कि आज हमारे देश भारत में लोग सेल्फी लेने के चक्कर में अपनी अनमोल जान की भी परवाह नहीं कर रहे हैं।
भारत में सेल्फी लेते दौरान ज्यादातर लोगों की मौत झील, नदी या समुद्र में डूबने से या चलती ट्रेन के सामने, पहाड़ो पर से पैर
फिसलने से और सांप और हाथी जैसे जीव जानवरों के साथ सेल्फी लेने के दौरान लोगों की लगातार मौत हो रही है । बावजूद
इसके न तो पुलिस व प्रशासन इन हादसों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाने की जहमत उठा रहा है और न ही हमारे देश
का भविष्य (युवा पीढ़ी) ही कोई सबक ले रहे हैं। 
युवाओं से लेकर अधेड़ और बुजुर्ग भी पिक्चर देखने गए, पिकनिक गए, वोट डालने गए, पहाड़,ग्लेशियर, मेमोरियल पर घूमने
गए हो हर जगह वे सेल्फी ले लेते हैं। शादी में गए या फिर ऑफिस में ही कोई नई ड्रेस पहनकर आए हैं, तो लोग सेल्फी लेना नहीं
भूलते है । आजकल तो युवाओ को तो सेल्फी का इतना बुखार चढ़ गया है कि फोटो लेकर इसको तुरंत सोशल मीडिया ट्विटर,
फेसबुक और इंस्टाग्राम पर बार बार अपलोड करते है और फिर उस पर आने वाले लाइक्स और कमैंट्स का इंतज़ार करने लगते
है ।

अमेरिका का प्रमुख समाचार पत्र ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ अखबार ने रिपोर्ट में दावा किया है कि साल 2015 में भारत में कई लोगों
ने खतरनाक तरीके से सेल्फी लेने की कोशिश की। इस वजह से उनकी जान चली गई। अमेरिका स्थित कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी
और दिल्ली के इंद्रप्रस्थ इंस्टिटयूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी द्वारा की गई सर्वे रिपोर्ट में पाया है कि सेल्फी लेने के चक्कर में जान
गंवाने में भारत अव्वल नंबर पर है। सेल्फी के कारण भारत में मार्च 2014 में लगभग 127 लोगों की जान गई है।
लंदन की नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी और तमिलानडु की त्यागराजार स्कूल ऑफ मैनेजमेंट ने अपनी रिसर्च में दावा किया है कि
सेल्फी लेना भी एक बड़ी बीमारी है । यह रिसर्च इंटरनैशनल जर्नल ऑफ मेंटल हेल्थ ऐंड अडिक्शन में प्रकाशित की गई है। इस
रिसर्च के मुताबिक शोधकर्ताओं ने सेल्फी से जुड़े इस डिसऑर्डर को ‘सेल्फाइटिस’ का नाम दिया है।
आश्चर्य की बात है कि सेल्फी लेने के चक्कर में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, इसके बावजूद कोई सबक लेन को तैयार नहीं।
अभी कुछ ही दिनों में ऐसी घटनाएं हुई है, इससे पता चलता है कि सेल्फी क्रेज मौत की तरफ कदम बढ़ाने समान है। सेल्फी लेना
मौत को दावत देने से कम नही हैं। 30 जून 2019 रविवार को को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में परिवार के साथ पिकनिक मनाने
के दौरान सेल्फी लेने के चक्कर में पेयजल योजना के लिए बनाए गए डैम में गिरने से 13 साल के किशोर गौरव बियर शिवा की
मौत हो गई। अप्रैल 2019 को हरियाणा में पानीपत- बाबरपुर रेलवे रेलवे लाइन के बीच तीन युवक सेल्फी ले रहे थे लेकिन
उसी दौरान दूसरी तरफ से आ रही ट्रेन आ गई और ट्रेन की चपेट में आने से चमन, सनी और किशन तीनों युवकों की मौके पर ही
मौत हो गई 2019 मार्च महीने में जयपुर में दो छोटे बच्चे कमल (10) और अजय (13) सेल्फी लेने के लिए रेल के पुल पर चढ़
गए। तेजी से आती ट्रेन से खुद को बचा नहीं पाए और उनकी ट्रेन से कटकर मौत हो गई। हरियाणा के यमुनानगर में जून 2019
रविवार को शिव नगर निवासी सोनू की जगाधरी वर्कशॉप यार्ड में खड़ी ट्रेन पर चढ़कर सेल्फी लेने की वजय से हाईवोल्टेज
तारों के संपर्क में आने से मौत हो गई। 2019 के मई महीने में आंध्र प्रदेश की रखने वाली 25 वर्षीय डॉक्टर युतुकुरु राम्या कृष्णा
गोवा के कोलोम्ब बीच की चट्टान पर सेल्फी ले रही थी, तभी एक बड़ी लहर आई और उन्हें साथ ले गई।
भारत में सेल्फी के चक्कर में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है इसलिए सरकार को सेल्फी की चुनौती से
निपटने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ ठोस व व्यावहारिक कदम उठाने होंगे । हमें भी आपने बच्चों को समझना होगा कि
दूसरो को प्रभावित करने के लिए किसी ऐसे ही खतरनाक पोज में सेल्फी न खींचें।


लेखक युद्धवीर सिंह लांबा, अकिडो कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बहादुरगढ़ जिला झज्जर, हरियाणा में रजिस्ट्रार के पद पर
कार्यरत है। 9466676211

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