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शकुनि मामा पाशा फेंको ना - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
---विनय कुमार विनायकशकुनि मामा पाशा फेंको ना,अपने गांधार जाकर देखो ना,गांधार में आज भी कुटिलताजस की तस पैरों को फैलाई! तुम्हारी एक बहन गांधारी नेदोनों आंख में पट्टी बांधी थी,आज तुम्हारी सारी बहू-बेटियांफिर से आंखों में पट्टी बंधाई! शकुनि मामा पाशा फेंको ना,अपने गांधार जाकर देखो ना,तुम्हारे पाशों की मनहूसियतआज…