वैसे तो हर मास पूर्णिमा होती है,
पर शरद पूर्णिमा विशेष होती है।
करती यह शरद ऋतु का स्वागत,
जब चांद की चांदनी से बात होती है।।
जब शरद पूर्णिमा की रात होती है,
बिछड़े दिलो की मुलाकात होती है।
चांद चांदनी होते है मिलन के मूड में,
तभी तो प्यार की बरसात होती है।।
इस रात चांदनी चांद के होगी आगोश में,
दो प्रेमी भी होगे एक दूजे के आगोश में।
ऐसे में किस प्रेमी का मन बैचेन न होगा,
जब जमीं होगी आसमां के आगोश में।।
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