pravakta.com
शर्मसार भी तो किसके आगे - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
बाजार द्वारा अपने ठगे जाने की अनकही प्रसन्नता के चलते गुनगुनाता- भुनभुनाता हुआ घर की ओर आ रहा था कि घर की ओर जा रहा था राम जाने। बाजार द्वारा ठगे जाने के बाद आदमी होश खो बैठता है और मदहोशी में घर की ओर अकसर लौटता है मंद मंद…