पास वो मेरे इतने है कि दूरियों का अहसास नहीं

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पास वो मेरे इतने है कि,दूरियों का अहसास नहीं 
कुछ बोलना चाहती हूँ,पर बोलने का साहस नहीं 

कहने को बहुत कुछ कह सकती,पर अभी समय नहीं
जुबान पर ताले पड़े है,पर वह चाबी मेरे पास नहीं 

जिन्दगी काट लेते है सभी,पर हमने काटी है ऐसे 
रोकर भी हँसते रहे,क्या ये कोई बात खास नहीं 

वो कौन सी दुश्मनी निभा रहे,क्या उनको पता नहीं ?
वो मेरे पास होते हुये भी,वे मेरे जरा भी पास नहीं 

हर धड़कन में उनकी धड़कन है,हर साँस में साँस है 
इतना कुछ होते हुये भी,क्या उनको विश्वास नहीं 

हर पल उनको याद करना,रस्तोगी को क्या याद नहीं 
वो मेरे खास होते हुये भी,वे जरा भी मेरे खास नहीं 

आर के रस्तोगी 

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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