शिक्षा दिवस

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रहे न अशिक्षित भारत में कोई,
ऐसी योजनाएं हमे बनाना है।
घर घर शिक्षा का दीपक भी,
देश के हर कोने में जलाना है।।

शिक्षा दिवस भी एक पर्व है,
इसे भी और पर्वो की तरह मनाना है।
रहे ने कोई देश में अशिक्षित,
भारत को अब महान बनाना है।।

होती जा रही महंगी शिक्षा,
इसको अब सस्ती करनी है।
पढ़ सके हर बच्चा आज,
ऐसी नीति हमे देश में लानी है।।

हुआ है बहुत काम शिक्षा क्षेत्र में,
आगे भी बहुत कुछ करना है।
बनी है देश में नई शिक्षा नीति,
उसको अब लागू करना है।।

कम करना है बेरोजगारी को,
टेक्निकल शिक्षा सब को देनी है।
टेक्निकल शिक्षा से ही अब
बेरोजगारी ही कम होनी है।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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