चाँद की भी चमक मैं चुरा लाऊंगा
तुझसे ज्यादा चमकता दिखा जो मुझे,
इत्र की भी महक मैं दबा आऊंगा
तुझसे ज्यादा महकता मिला जो मुझे,
मांग साँझ के सूरज से लाली तेरे
लाल अधरों पे लाली लगा दूंगा मैं,
चुन के बागों से फूलों की कलियाँ तेरे
केश बागों के भांति सजा दूंगा मैं,
मैं तो अदना सा हूँ प्रेम लंबा सफर अपने जीवन का साथी बना लूँ तुझे।
प्रेमिकाओं में तुम राधिका सी हो पर
कृष्ण के जैसा मैं बिल्कुल नहीं,
दूरियाँ हैं भले दोनों के दरमियाँ
किन्तु इनसे जरा से भी व्याकुल नहीं,
लगती नैनाभिरामि मेरी आँखों को मेरे ख्वाबों की रानी बना दूँ तुझे।
भर सितारों से सुनी ये मांग तेरी
तुझको जीवन का साथी बना लूंगा मैं,
चाँद की तेरे माथे पे बिंदियाँ सजा
तुझको बाँहों में अपने बिठा लूंगा मैं,
सीप से मांग मोती मैं ले आऊंगा, मोती मानक से सजता मैं देखूं तुझे।
कुलदीप विद्यार्थी