न्‍यायालयों में भारतीय भाषाओं में कार्यवाही की मांग को ले सत्‍याग्रह कर रहे पाठक गिरफ्तार

shyamji in Tuglak thanaसंजीव कुमार सिन्‍हा (फेसबुक वॉल से) : कल शाम में 6 बजे श्री श्‍याम रुद्र पाठक को दिल्‍ली पुलिस ने 105/151 धारा लगाकर जबरन गिरफ्तार कर लिया। यह दुर्भाग्‍यपूर्ण और निंदनीय है। श्री पाठक 225 दिन से लगातार यूपीए की चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी के निवास के आगे सत्‍याग्रह कर रहे थे। उनकी मांग है कि सर्वोच्‍च न्‍यायालय एवं देश के 17 उच्‍च न्‍यायालयों में अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्‍म हो और भारतीय भाषा में भी बहस हो। श्री श्‍याम रुद्र पाठक अभी तुगलक थाना में गिरफ्तार हैं। पुलिस ने उनका एटीएम, मोबाइल सहित सारा सामान छीन लिया है। 

मित्रों, भारत को बचाइए। यहां की संस्‍कार, संस्‍कृति, भाषा आदि सब पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। हम बातचीत में, लेखों में इस पतनशीलता और पराधीनता पर खूब रोना रोते हैं। आज यदि कोई स्‍वभाषा और स्‍वदेश के लिए अपना जीवन दांव पर लगाकर संघर्षरत है तो हमें कम से कम उनके साथ खड़े तो होना चाहिए, उनकी आवाज को बुलंद तो करना चाहिए। https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10201039347319391&set=a.1103449739984.2018130.1038954127&type=1&theater

पंकज कुमार झा बिलकुल.

Zakir Hussein लानत …लानत …लानत है है एसे अंग्रेजियत के ग़ुलामों पर !

Anup Shukla सर्वोच्‍च न्‍यायालय एवं देश के 17 उच्‍च न्‍यायालयों में अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्‍म करने की मांग जायज है। इस मांग के लिये अगर किसी को गिरफ़्तार किया जाता है तो यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है।

Abhishek Purohit Kabhi kabhi lagta he ham svtantr bharat me nahi gulam desh me rahate he.

अरुण अरोरा सर्वोच्‍च न्‍यायालय एवं देश के 17 उच्‍च न्‍यायालयों में अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्‍म करने की मांग जायज है। इस मांग के लिये अगर किसी को गिरफ़्तार किया जाता है तो यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है।

Rajeev Ranjan Prasad शर्मनाक है। इस कार्यवाई की तीक्ष्ण भर्त्सना करते हैं। भारते में शासन की भाषा जब तक अंग्रेजी रहेगी, हम अपनी मानसिक गुलामी से बाहर आ ही नहीं सकते। अंग्रेजी हमारे अदालतों की भाषा इसी लिये है चूंकि आम आदमी और न्याय के बीच जान बूझ कर पैदा की गयी दूरी कायम रहे।

Subodh Kumar Tanti Lalat hai gandhi family par.

शिवानन्द द्विवेदी सहर ओह ! यह कैसा लोकतंत्र

Ranjit Kumar Sinha सोनिया जी को हिन्दी भाषा से प्यार है ।वे इनका धैर्य देखना चाहती है

Vibhay Kumar Jha oh

पंकज कुमार झा उफ़..यह इटालियन नष्ट कर देगी हम सबको.

Pankaj Mishra sharmnaak

Ashutosh Kumar Singh sharmnaak

Naresh Arora भैंस के आगे वीणा बजाने से क्या लाभ? देश में भारतीय भाषाओँ के अपमान को रोकने के लिए व्यापक जागरण अभियान की आवश्यकता है. श्री श्याम रूद्र को गिरफ्तार किया जाना शर्मनाक है. नरेश भारतीय

Devesh Rajeev Tripathi निंदनीय

Ashutosh Kumar Singh जितनी निंदा की जाए कम है

Chander Kumar Soni CM 225 din.??

Munna Kumar Sharamnak………. Nindniya hai yah.

Raj Kumar Bhatia Yeh kab hua yeh bhi bataayie

संजीव सिन्हा Raj Kumar Bhatia कल शाम में 5 बजे श्‍याम रुद्र पाठक गिरफ्तार हुए।

Chauhan Ravi very shame !!

Girish Pankaj ye kaisa loktantr hai?

Zafar Khan bhasha ka sammaan se sonia gandhi ka kya matlab …hum khud aaj ke samay mein apne bacchon ko angrezi school mein padane ko apna garv samjhte hain…

12 COMMENTS

  1. जिस देश में अपनी भाषा और संस्कृति का सभी कार्यों में व्यवहार नहीं होता वह देश पतन की ओर जाता है।

  2. यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है…..ऐसा करने वालों को सबक सिखाना चाहिये..

  3. हम भी‌चाहते हैं कि न्यायालय मे भारतीय भाषाओं का उपयोग हो ताकि जनता को न्याय प्रक्रिया समझ में तो आए ।
    यह तो जनतंत्र की मूल माँग है।।

  4. बहुत दुखद सूचना है। अंग्रेजो की इस गुलाम मानसिकता वाली संस्कृति से इस देश को कब मुक्ति मिलेगी ईश्वर जाने..यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि हिन्दी या अन्य भाषाओ को जानने वाले को जबदस्ती अंग्रेजी मे न्याय दिया जाता है।.

  5. जिस देशमें अपनी भाषा और संस्कृति का सभी कार्यों में व्यवहार नहीं होता वह देश पतनकी ओर जाता है।

    कीर्त्तिकान्तः

  6. हिन्दी भारत की राजभाषा और राष्ट्र भाषा है। अपनी ही भाषा में काम करना एवं न्याय मांगना हम भारतीयों का मौलिक एवं जन्म सिद्ध अधिकार तथा पावन कर्त्तव्य भी है। किसी भी देशी एवं विदेशी व्यक्ति,संस्था या सत्ता को हमें अपने इस मौलिक अधिकार से वंचित करना देशद्रोह से भी बढकर नीन्दनीय अपराध है। हम भारतीय नागरिक को ऐसे नींदनीय अपराध को न सहन करना चाहिए और न मूकदर्शक बन समर्थन ही करना चाहिए। भारतीय न्याय पालिका,कार्यपालिका एवं व्यववस्थापिका का पावन कर्तव्य कि हमारे इस जन्मसिद्ध मौलिक अधिकार का हनन करने वालों के बिरूद्ध कठोर कार्रवाई करे।

  7. यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। राजनीति जब नकारो के हाथों में चली जाती है तो व्यवस्था का विघटन शुरू हो जाता है। गैरजवाबदेह और निरंकुश शासन स्थापित हो जाता है। राजनीति की मौजूदा शैली लोकतंत्र के हित में नहीं है। लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का हक है। ऐसी आजादी किस काम की जो हमारी अभिव्यक्ति पर पाबंदी लगाए। श्री श्याम रुद्र पाठक की मांग जायज है। इसके लिए जनता को संगठित और जागरूक होना पड़ेगा।

  8. अभी केवल अंग्रेज़ी का विरोध करें। हिंदी आप ही आप उभर आएगी।
    ===> आज से प्रण ले लें कि संसद में केवल अंग्रेज़ी बोलने वाले को मैं न मत दूंगा, न आर्थिक सहायता।
    अंग्रेज़ी के ही विरोध में एक हस्ताक्षर आंदोलन चलना चाहिए।
    साथ में जिन दुकानों के द्वार पर केवल अंग्रेज़ी का ही फलक लगा होगा उन दुकानों से मैं सामग्री नहीं खरिदूंगा।
    यह आरंभ तो कर ही दीजिए।
    “हस्ताक्षर आंदोलन” बडे प्रमाण में होना चाहिए।
    आपको धडल्ले से हस्ताक्षर मिलेंगे।

  9. इस पूरे प्रकरण का एक दिलचस्प तथ्य यह है की पाठक जी को पकड़ने वाले पुलिस के लोग हिंदी के अलावा कोई और भाषा नहीं जानते |

  10. सबसे पहले श्‍याम रुद्र पाठक के जज्बे को सलाम.

    लगता तो यही है की कांग्रेस का किसी अच्छी चीजों से सरोकार रहा ही नहीं….. भारस्ताचार, धमकी, लुट-खसोट, चमचागिरी यही सब कांग्रेस के गुण-धर्म बन गए हैं…..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here