यूँ खुद को उदास करो

सारी कोशिशें जब दर दीवार होने लगे
बेवजह जब कोई दरकिनार होने लगे
फलसफाँ रहगुजर का नया आयाम तलाश करो…..
घुट घुट कर जी कर ना खुद को उदास करों….

उम्मीदें सारी जब गम ए रूखसार होने लगे
उन्मादमयी सपने सारे यातनाओं मे सोने लगे
करवटे बदल कर नया रास्ता इजाद करो..
अतीत से मुखातिब हो यूँ खुद को ना निराश करो……….

झूठी तोहमत जब दिल के साथ होने लगे
हाल ए जज्बात जब साथ साथ रोने लगे
उठ कर सुदूर सा कोई मन्सूबा नायाब करो….
यादों की गठरी खोल यूँ खुद को ना नासाज करो…..

पंकज कसरादे”बेखबर”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here